इमरान खान ने फैलाए हाथ, कहा- विदेशों में बैठे नागरिक करें आर्थ‍िक मदद

इस्‍लामाबाद। पाकिस्‍तान में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्‍या 990 तक जा पहुंची है। इसकी वजह से देशभर में सात मौत हो चुकी हैं। पाकिस्‍तान के अखबार द डॉन के मुताबिक इससे सबसे अधिक प्रभावित सिंध है जहां पर अब तक 410 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं दूसरे नंबर पर पंजाब में 296 मामले, तीसरे नंबर पर बलूचिस्‍तान में 110, चौथे नंबर पर गुलाम कश्‍मीर 81 मामले, पांचवें पर खैबर पख्‍तूंख्‍वां में 78 मामले और छठे नंबर पर इस्‍लामाबाद है जहां इस वायरस के 15 मामले सामने आए हैं। देश के कई प्रांतों में लॉकडाउन किया जा चुका है। इसके बाद भी लोग इसके नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। यही वजह है कि इससे परेशान प्रधानमंत्री इमरान खान ने सख्‍त संदेश दिया है कि यदि ऐसा ही रहा और लोग अपनी इस आदत से बाज नहीं आए तो उन्‍हें मजबूरन कर्फ्यू का एलान करना पड़ेगा। ऐसे में इसके अलावा कोई दूसरा विकल्‍प उनके पास नहीं रहेगा। उन्‍होंने इससे लड़ने के लिए विदेशों में बैठे अपने नागरिकों से आर्थिक मदद भी मांगी है।



माली हालत बेहद खराब, मदद करें विदेशों में बैठे नागरिक


द डॉन अखबार के मुताबिक इमरान खान ने ये बात टीवी पर एक इंटरव्‍यू के दौरान कहीं हैं। इस दौरान उन्‍होंने एक बार फिर से देश की खराब माली हालत का जिक्र किया और कहा कि दुनिया को चाहिए कि वो उन्‍हें आर्थिक मदद दे। इसकी वजह है कि उनके देश की हालत इटली और दूसरे यूरोपीय देशों की तरह नहीं है, जहां कर्फ्यू के दौरान भी लोगों को हर चीज मुहैया करवाई जा सकती है। उन्‍होंने विदेशों में बसे अपने नागरिकों से भी अपील की है कि वो इस मुश्किल हालात में देश और उनके नागरिकों की आर्थिक मदद करें।


कर्फ्यू लगाने का कदम गरीबों के लिए मुश्किल पैदा करेगा


पीएम इमरान खान ने इस इंटरव्‍यू में ये भी कहा है कि यदि लोगों ने मजबूर किया और उन्‍हें ये कदम उठाना पड़ा तो ये उन गरीबों के लिए नुकसानदेय हो सकता है जिनका काम रोजाना कमा कर खाना होता है। लेकिन उनके पास ये अंतिम विकल्‍प है। लोगों को इसके लिए उन्‍हें मजबूर नहीं करना चाहिए। उन्‍होंने ये भी कहा कि कुछ जगहों पर उस वक्‍त ही लॉकडाउन कर दिया गया था जब इसके 21 मामले सामने आए थे। इसके अलावा स्‍कूलों को बंद करने का फैसला, लोगों को इकट्ठा होने पर प्रतिबंध भी तभी लगा दिया गया था। उन्‍होंने ये भी कहा कि यदि कर्फ्यू के दौरान भी इस वायरस के मामले बढ़ने से नहीं रुके तो फिर उनके पास में कोई विकल्‍प नहीं बचेगा। आपको यहां पर ये भी बता दें कि इमरान खान बार-बार देश में लॉकडाउन करने से बचते आ रहे हैं। इसके लिए भी वो लगातार देश की खराब माली हालत को जिम्‍मेदार ठहरा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ इस महामारी से लड़ने के लिए भारत ने 25 मार्च से देशव्‍यापी लॉकडाउन का एलान कर दिया है।


छह माह तक लग सकते हैं


इमरान खान ने कहा कि कोई ये नहीं जानता है कि इस तरह के हालात कब तक रहने वाले हैं। उनके मुताबिक इसमें छह महीने भी लग सकते हैं। कोरोना वायरस से निपटने के लिए नेशनल डिजास्‍टर मैनेजमेंट ग्रुप पूरी जी-जान से जुटा हुआ है। इसके लिए उन्‍हें 8 करोड़ रुपये भी दिए गए हैं। इसके अलावा जल्‍द ही उन्‍हें 80 करोड़ रुपये और दिए जाएंगे।


सरकार ने दूसरे देशों की अपेक्षा जल्‍दी एक्‍शन लिया


इस बीच पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से उन खबरों का भी खंडन किया गया है जिनमें कहा गया था कि सरकार समय रहते इस जानलेवा कोरोना वायरस पर काबू पाने में नाकाम रही है। पीएमओ की तरफ से जारी बयान में कहा गया है मौजूदा सरकार ने दूसरे देशों के तुलना में इस वायरस पर काबू पाने के लिए ज्‍यादा तेजी से काम किया है।


ईरान से आए श्रद्धालुओं की जांच करनी मुश्किल थी


ईरान से आने वाले यात्रियों से इस वायरस के दूसरे लोगों में फैलने के बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में उनका कहना था कि सीमा पर क्‍वारंटाइन के लिए सेंटर बनाना काफी मुश्किल था। ताफ्तान क्‍वेटा से करीब 700 किमी की दूरी पर है। वहां पर इसका इंतजाम किया गया था और वहां पर उनके मंत्री भी इसका इंतजाम खुद देख रहे थे। इस काम में उनकी मदद सेना कर रही थी। सिंध में लगे लॉकडाउन के बाबत पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि देश का संविधान प्रांतों को ये अधिकार देता है कि वो ये कदम उठा सकें।


ही खबर दिखाए प्रेस


प्रेस की स्‍वतंत्रता के बाबत उन्‍होंने कहा कि वह पूरी तरह से प्रेस की आजादी में विश्‍वास रखते हैं। लेकिन ये जरूरी है कि वो सच्‍ची बात बताए और दिखाए। प्रेस की भूमिका हमारे समाज में भय को दूर करने की है जो कोरोना वायरस से भी ज्‍यादा घातक है।